Bipolar disorder क्या है? : इस बीमारी से आखिर क्यों आता हैं सुसाइड करने का खयाल, वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं Read it later

Bipolar disorder क्या है?

न्यूज.    इन दिनों न्यूज में दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत के बारे में कहा जा रहा है कि वे बाइपोलर बीमारी से पीड़ित थे। आपको बता दें कि Bipolar disorder डिजीज में कई बार इंसान चाहकर भी अपने बिहेवियर पर कंट्रोल नहीं कर पाता है। 

अक्सर यह बीमारी नशीली वस्तुओं के सेवन से लोगों में होती है। बाइपोलर डिस्‍आर्डर एक तरह की कॉम्प्लेक्स मेंटल बीमारी है, इसमें इंसान का मन निरंतर कई महीनों व हफ्तों तक उदास रहता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि ये एक साइक्लिक डिसऑर्डर है, इसमें रोगी का मन अलग- अलग तरीके से विपरित अवस्था में रहता है। यह ऐसी बीमारी है, जिसमें पीड़‍ित इंसान के व्यवहार में तेजी से बदलाव आता है। पीड़ित इंसान अचानक कभी तनाव में आ जाता है तो कभी उसका आत्मविश्वास तेजी से बढ़ता है। जबकि दूसरे ही पल में पीड़ित एकदम शांत सा दिखाई देता है। 

इंसोमिनिया यानि नींद की समस्या बड़ी दुविधा

यदि आप नींद न आने की प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं तो संभावना है कि आप बाइपोलर की बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं।  इस बीमारी से पीड़ित लोगों को तनाव के कारण नींद नहीं आती है और अक्सर थकान महसूस करते हैं। 

काम में ठीक से नहीं कर पाते

बाइपोलर डिसऑर्डर के रोगी अपना रोजमर्रा का काम भी ढंग से नहीं कर पाते। यह सब रोगी का दूसरों से बात करने में झिझक के कारण होता है। इस कारण वे लगतार न चाहकर भी गलतियां करते रहते हैं। 

​नशा करना सबसे बड़ा कारण

बाइपोलर डिसऑर्डर की प्रॉब्लम ज्यादातर उन लोगों में देखी गई है जो शराब व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन तनाव से निजात पाने के लिए करते हैं, ऐसे लोग शराब या अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से तनाव से मुक्त तो नहीं हो पाते बल्कि बाइपोलर के शिकार हो जाते हैं। 

एनर्जी नहीं रहती

बाइपोलर डिसऑर्डर के रोगी का अमूमन लक्षण किसी काम को पूरा न कर पाना रहता है। इस रोग से पीड़ित इंसान अपनी पूरी एनर्जी काम में नहीं ले पाता है। इससे उनके किसी भी कार्य को पूरा करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊर्जा की कमी की वजह से रोगी एक समय में एक ही काम कर पाता है। वहीं उस एक कार्य को पूरा करने में भी उन्हें दिक्कत होती है। 

चिड़चिड़ा या इरिटेशन की सिचुएशन

बाइपोलर के मरीज में पागलपन और तनाव दोनों लक्षण दिखाई देते हैं। पागलपन और तनाव के की वजह से आमतौर पर ऐसे रोगियों का व्यवहार चिड़चिड़ा ही बना रहता है। उनका छोटी-छोटी बातों में इरि​टे​टिंग बिहेवियर आम रहता है।  चिड़चिड़ेपन की वजह से ही उनके नजदीकी रिश्‍ते भी खराब होते रहते हैं

कल्पना में जीना

बाइपोलर डिसऑर्डर का मरीज हमेशा अपने खयालों में मशगूल रहता है। अपने काल्पनिक सोच के जीवन में कहीं भी पहुंच जाता है।  ऐसे व्यक्ति के दिमाग में हजारों बातें चलती हैं और उन पर उसका काबू नहीं रह पाता है। 

एक ही बात को दोहराते रहना

किसी बात को जल्दी-जल्दी बोलना या एक बात को कई बार बोलते रहना बाइपोलर के सिमटम्स हैं। ऐसे लोग अपनी बात के सामने दूसरे की बात को महत्व नहीं देते हैं। वह दूसरों को बोलने का अवसर ही नहीं देते हैं और अपनी बात को मनवाने की चाी रखते हैं।

बाइपोलर पर कंट्रोल

बाइपोलर डिसऑर्डर को कंट्रोल करने के लिए तनाव का स्‍तर कम करना जरूरी है। साथ ही रोगी को भरपूर नींद व नशीले पदार्थों के सेवन से बचाना ​चाहिए। वहीं कॉन्फिडेंस को मजबूत बनाना चाहिए। वहीं ऐसे रोगियों की मेडिसिन, साइकेट्रिस्ट ट्रीटमेंट व फैमिली काउंसलिंग का ध्यान रखना चाहिए। 

स्ट्रेस मैनेजमेंट जरूरी

बाइपोलर डिसऑर्डर की मुख्य वजह डिप्रेशन ही है, ऐसे में तनाव अपने दिमाग पर कम लेना जरूरी है। डिप्रेशन की स्टेज को दूर करने के लिए सबसे पहले आपका यह जानना जरूरी है कि तनाव का कारण क्या है।  वजह जानने के बाद तनाव से निजात पाने की कोशिश करें। सा‍थ ही आपको अपने इमोश्नल और फिजिकल रिएक्शन पर भी गौर करने की जरूरत है। यह समझकर समस्या को इग्नोर न करें कि यह खुद ही दुरुस्त हो जाएगी। ऐसा करने से स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है।

डाइट में  सुधार करने की जरूरत 

बिना समय या कभी भी खाना खाने की आदत को बदलना चाहिए। यानि आप रोगी हैं तो समय पर भोजन करें। वहीं तनाव को कंट्रोल करने का प्रयास करें। इसलिए बेहतर खान-पान को अपने डेली रूटीन में शामिल करें। फास्‍ट फूड और हमेशा कुछ नक कुछ चबाते रहने की हैबिट से छुटकारा पाने का ट्राय करते रहें। 

नींद की प्रॉब्लम को दूर करने की कोशिश करें

बाइपोलर डिसऑर्डर में व्यक्ति को नींद की दिक्कत होना आम बात है। तनाव के कारण या तो वो बिल्‍कुल नहीं सो पाता है या बहुत ज्‍यादा ही सोता है। ऐसे लोग बहुत ज्यादा थकान भी महसूस करते हैं। हालांकि कुछ घंटे ठीक से सोने के बाद वे खुद को ताजा महसूस करते हैं। ऐसे में समय पर सोना जरूरी है और यह भी ध्यान रखें कि आपकी नींद में खलल न पड़ पाए।

नशीली वस्तुओं के सेवन से दूर रहें

बाइपोलर डिसऑर्डर की दिक्कत उनमें भी पाई जाती है जो अकसर नशीले पदार्थो का सेवन तनाव दूर करने के लिए करते हैं। ऐसे में नशीली चीजों से दूर रहें। क्‍योंकि सिगरेट या शराब के सेवन से तनाव घटता नहीं ​बल्कि बढ़ता ही है। वहीं तनाव बाइपोलर डिसऑर्डर को बढ़ाता ही है।

शरीर को​ फिट रखना जरूरी

बाइपोलर  की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए नियमित एक्सरसाइज बेहतर सॉल्यूशन है। एक्सरसाइज को अपने डेल रुटीन में शामिल करें। अपनी सुविधा के अनुसार आप कोई भी एक्सरसाइज कर सकते हैं। व्‍यायाम करने से शरीर में इंडॉर्फिन रिलीज होता है, जिससे तनाव कम होता है और आप अच्छा महसूस करते हैं।

डिप्रेशन की बात अपनों से शेयर जरूर करें

बाइपोलर डिसऑर्डर में कई बार डिप्रेशन इतना बढ़ जाता है कि इंसान मेंटल बैलेंस खोने लगता है। इसलिए ये जरूरी है कि डिप्रेशन के ज्यादा बढ़ने पर यह बात अपने करीबी लोगों से जरूर शेयर करें। इनमें कोई भी हो सकता है, जैसे वाइफ, खास दोस्त और कोई भी करीबी व्यक्ति आदि।  

ने​गेटिविटी से दूर रहें

बाइपोलर डिसऑर्डर में डिप्रेशन उस समय और भी बढ़ जाता है जब इंसान अपने साथ  हुई घटनाओं के बारे में ज्यादा सोचता है। यदि आपके साथ कुछ भी ऐसा हुआ है जिसे दिमाग मे लाकर आपका डिप्रेशन बढ़ता ही है, तो बेहतर होगा कि ऐसे खयालों को अपने दिमाग में न आने दें, इससे दूर रहने के लिए एक्सरसाइज करें या इनडोर व आउटडोर खेलें, पेंटिंग या ड्रॉइंग में रुचि बनाए इससे आपका दिमाग रचनात्मकता में व्यस्त रहेगा और आपका ध्यान भटकेगा नहीं।  

क्या रिया चक्रवर्ती का लिया गया इंटरव्यू स्क्रिप्टेड था? ये है पूरा मामला, इसे यूं समझें

What is Bipolar disorder | All You Need To Know About Bipolar disorder |

Was This Article Helpful?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *