हिमालयन रेंज में, भूकंप की एक श्रृंखला के साथ किसी भी समय एक बड़ा भूकंप आ सकता है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता आठ या उससे अधिक हो सकती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि हिमालय के आसपास घनी आबादी वाले देशों में, यह राजधानी दिल्ली में भी बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बन सकता है।
हालांकि, ये भूकंप कब आएंगे, इसका अभी अनुमान नहीं है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 100 वर्षों में उनके आने की उम्मीद है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, पूर्वी भारत में अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में पाकिस्तान तक फैली हिमालय पर्वत श्रृंखला एक बार फिर भूकंपों की श्रृंखला का गढ़ बन सकती है। इससे पहले भी यह क्षेत्र भूकंप का गढ़ रहा है। शोध के अनुसार, 20 वीं शताब्दी में अलास्का की खाड़ी से पूर्वी रूस में कामचटका तक हिमालय में भूकंप उतने ही गंभीर होंगे। नेवादा विश्वविद्यालय के शोध को जर्नल ऑफ सिस्मोलॉजिकल रिसर्च लेटर्स के अगस्त अंक में प्रकाशित किया गया था।
पहले के शोध में भी इस तरह के दावे किए गए थे
भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, कोलकाता में पृथ्वी विज्ञान विभाग की प्रोफेसर सुप्रिया मित्रा भी इस शोध को सही मानती हैं। मित्रा के अनुसार, कुछ पहले के शोधों ने भी इस ओर इशारा किया है। हालांकि, ऐसा कोई भी अनुमान लगाना असंभव है कि ऐसा भीषण भूकंप कब आएगा। उन्होंने कहा, पहले के अध्ययनों का आकलन उपग्रह इमेजरी के आधार पर किया गया था, लेकिन इस शोध में भूविज्ञान के आधार पर सबसे हाल के प्रागैतिहासिक भूकंपों के समय और आकार को परिभाषित किया गया है।
दिल्ली को भी लगेगा तगड़ा झटका
शोध के अनुसार, भूकंप इतने गंभीर होंगे कि राजधानी दिल्ली में हिमालय के दक्षिण में भूकंप के झटके महसूस किए जाएंगे।
पिछले चार महीनों में उत्तर भारत में कई हल्के भूकंप आए
उत्तर भारत में पिछले चार महीनों में कई हल्के भूकंप आए हैं, जो दर्शाता है कि बड़े भूकंप के बारे में दावा झूठ नहीं है। वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसे कई छोटे भूकंप बहुत विनाश का संकेत हैं।