किसान आंदोलन पर राजनीति: मनोहर लाल ने कहा – अमरिंदर किसानों को भड़का रहे, कैप्टन बोले – तो फिर हरियाणा के किसान दिल्ली क्यों जा रहे हैं Read it later

 

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फोटोः सोशल मीडिया।

पंजाब और हरियाणा के किसान खेती से जुड़े केंद्र सरकार के कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो का नारा बुलंद करके सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ हरियाणा सीमा पर भी झड़पें की हैं। एक तरफ किसान और पुलिस आमने-सामने हैं और दूसरी तरफ पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री ट्विटर पर निशाना साध रहे हैं।

दरअसल, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने कानूनों के विरोध में 26 और 28 नवंबर को बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी की है। पुलिस ने उन्हें रोकने के भी इंतजाम किए हैं। ऐसे में जब हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए तो पुलिस ने उन्हें सीमा पर ही रोक दिया।

अमरिंदर ने कहा – खट्टर जी किसानों को मत रोको


For nearly 2 months farmers have been protesting peacefully in Punjab without any problem. Why is Haryana govt provoking them by resorting to force? Don’t the farmers have the right to pass peacefully through a public highway? @mlkhattar pic.twitter.com/NWyFwqOXEu

— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 26, 2020

It’s a sad irony that on #ConstitutionDay2020 the constitutional right of farmers is being oppressed in this manner. Let them pass @mlkhattar ji, don’t push them to the brink. Let them take their voice to Delhi peacefully. pic.twitter.com/48P0rvILVU

— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 26, 2020

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को टैग किया और ट्वीट किया कि यह बहुत दुखद है कि संविधान दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्हें जाने दो, मिस्टर खट्टर। उन्हें धक्का मत दो। बता दें कि किसानों ने शांति से दिल्ली के लिए आवाज उठाई।

मनोहर लाल ने कहा- आप सिर्फ ट्वीट करें

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जवाब में मनोहर लाल ने ट्वीट किया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह, मैं फिर कह रहा हूं। यदि न्यूनतम समर्थन पुरस्कार (MSP) में कोई समस्या है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। इसलिए किसानों को परेशान करना बंद करें। मैं पिछले तीन दिनों से आपसे बात करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन दुख की बात है कि आप लगातार अनफिट हैं। इससे पता चलता है कि आप किसानों के मुद्दों पर कितने गंभीर हैं। आप सिर्फ ट्वीट कर रहे हैं। बात करने से दूर भागना।

अमरिंदर का जवाब – आपकी प्रतिक्रिया से मैं हैरान हूं

अमरिंदर सिंह ने भी इसका जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि आपकी प्रतिक्रिया से हैरान खट्टर एमएल खट्टर। किसानों को एमएसपी पर आश्वस्त होना है, मुझे नहीं। आपको दिल्ली जाने से पहले किसानों से बात करने की कोशिश करनी चाहिए थी। अगर आपको लगता है कि मैं किसानों को उकसा रहा हूं, तो हरियाणा के किसान दिल्ली के लिए क्यों मार्च कर रहे हैं?

Shocked at your response @mlkhattar ji. It’s the farmers who’ve to be convinced on MSP, not me. You should’ve tried to talk to them before their #DilliChalo. And if you think I’m inciting farmers then why are Haryana farmers also marching to Delhi?

— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 26, 2020

उन्होंने एक और ट्वीट किया। इसमें लिखा है कि लगभग 2 महीने से पंजाब में किसान बिना किसी समस्या के शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार उन्हें भड़काने के लिए बल प्रयोग क्यों कर रही है? क्या किसानों को सार्वजनिक राजमार्गों पर शांतिपूर्वक पारित करने का अधिकार नहीं है?

सुखबीर बादल ने कहा- किसानों के लिए आज का दिन 26/11 है

कभी भाजपा की सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल भी इस लड़ाई में कूद पड़ी थी। पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि आज का दिन पंजाब का 26/11 है। हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने के अधिकार के निधन के गवाह हैं। किसान आंदोलन को दबाने के लिए अकाली दल हरियाणा सरकार और केंद्र की निंदा करता है। पंजाब के किसानों की लड़ाई को वाटर कैनन से नहीं रोका जा सकता है।

Today is Punjab’s 26/11. We are witnessing the end of the right to democratic protest. @Akali_Dal_ condemns the Haryana govt & Centre for choosing to repress the peaceful farmer movement.

— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) November 26, 2020

बादल ने कहा कि किसान किसी भी राजनीतिक झंडे के नीचे अपना अभियान शुरू नहीं करना चाहते हैं। इस (कृषि कानून) मुद्दे पर सभी दलों के किसान एकजुट हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसने इन कानूनों का बिल्कुल भी विरोध नहीं किया।

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