अमिताभ बच्चन को कमला नापसंद , पान मसाला विज्ञापन से की तौबा , ब्रांड से कॉन्ट्रेक्ट खत्म किया, प्रमोशन शुल्क भी लौटाया Read it later

अमिताभ बच्चन  को  कमला नापसंद

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने 79वां जन्मदिन के खास दिन पर एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने ‘कमला पसंद’ से अपनी डील खत्म कर ली है। इस बात की जानकारी उन्होंने अपने ऑफिशियल ब्लॉग पर पोस्ट शेयर कर दी है।

अमिताभ बच्चन के ब्लॉग पर उनके कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “कमला पसंद विज्ञापन प्रसारित होने के कुछ दिनों बाद, अमिताभ बच्चन ने ब्रांड से संपर्क किया और पिछले सप्ताह कॉन्ट्रेक्टर को समाप्त करने का फैसला किया। 

जब अमिताभ बच्चन इस ब्रांड से जुड़े थे, तो उन्हें पता नहीं था। कि यह सरोगेट विज्ञापन के अंतर्गत आता है।अमिताभ ने ब्रांड के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया है और प्रचार शुल्क भी वापस कर दिया है।

विज्ञापन के लिए ट्रोल हुए थे अमिताभ

विज्ञापन के लिए ट्रोल हुए थे अमिताभ


कुछ दिनों पहले अमिताभ रणवीर सिंह के साथ कमला पसंद पान मसाला के विज्ञापन में नजर आए थे। शाहरुख खान, अजय देवगन की तरह पान मसाला का विज्ञापन करने पर बिग बी को काफी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था।

विज्ञापन के लिए ट्रोल हुए थे अमिताभ

दरअसल, अमिताभ बच्चन ने एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘घड़ी खरीद कर हाथ में क्या बांध ली, समय पीछे ही पड़ गया।’ एक यूजर ने उनके पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा, ‘धन्यवाद सर, आपसे बस एक बात पूछनी है, क्या जरूरत है, आपको भी कमला के पसंदीदा पान मसाले का विज्ञापन करने की। फिर आप में और इन छोटे टटपूंजियों में क्या फर्क है?’

बिग बी ने ट्रोलर को समझाया दिया था बिजनेस का गणित

बिग बी ने यूजर के कमेंट के जवाब में लिखा, ‘मान्यवर, माफ करना, अगर कोई किसी बिजनेस में अच्छा कर रहा है तो यह नहीं सोचना चाहिए कि हम उसके साथ क्यों जुड़ रहे हैं। हां, अगर कोई व्यवसाय है तो हमें अपने व्यवसाय के बारे में भी सोचना होगा। 

अब आपको लगता है कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। लेकिन हां, ऐसा करने के लिए मुझे पैसे भी मिलते हैं। हमारे उद्योग में काम करने वाले बहुत से लोग हैं, जो कर्मचारी भी हैं उन्हें रोजगार भी मिलता है और पैसा भी। और सर, न टटपूंजियां शब्द आपके मुंह पर शोभा नहीं देता है और न ही हमारे उद्योग के बाकी कलाकारों को शोभा देता है। मैं आपको सम्मान के साथ नमस्कार करता हूं। 

एनजीओ ने बिग बी से विज्ञापन  छोड़ने की गुजारिश की थी

एनजीओ ने बिग बी से विज्ञापन  छोड़ने की गुजारिश की थी

नेशनल एंटी टोबैको ऑर्गनाइजेशन (एनजीओ) ने इस मामले पर अमिताभ बच्चन को आधिकारिक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि चिकित्सा अनुसंधान से पता चला है कि तंबाकू और पान मसाला जैसे पदार्थ व्यक्तियों, खासकर युवाओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 

अमिताभ बच्चन पोलियो अभियान के आधिकारिक ब्रांड एंबेसडर हैं। ऐसे में उन्हें जल्द से जल्द पान मसाला के विज्ञापन से हटना चाहिए।

बिग बी ने पिछले 5 दशकों में हिंदी सिनेमा को कई अनोखी और यादगार फिल्में दी हैं, हालांकि उनका शुरुआती करियर संघर्षों से भरा रहा। लगातार असफलता का सामना करते हुए, बिग बी ने हमेशा के लिए इंडस्ट्री छोड़ने का मन बना लिया था, हालांकि उनके भाग्य ने उनके उज्ज्वल भविष्य की प्रतीक्षा की। आज मेगास्टार के जन्मदिन के खास मौके पर आपको बताते हैं संघर्षों से भरी उनकी जिंदगी की कुछ अनसुनी बातें-

बिग बी का असली नाम इंकलाब श्रीवास्तव था

11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज), उत्तर प्रदेश में जन्मे अमिताभ बच्चन के पिता डॉ हरिवंश राय बच्चन अपने समय के प्रसिद्ध लेखक थे और माता तेजी बच्चन कराची से थीं। आजादी की लड़ाई लड़ते हुए भारत में जन्मे अमिताभ को बचपन में उनके माता-पिता ने उनका नाम इंकलाब रखा था, लेकिन बाद में उनका नाम बदल दिया गया। 

हरिवंश राय बच्चन को उनके मित्र और कवि सुमित्रा नंदन पंत ने इंकलाब से अपने बेटे का नाम अमिताभ रखने की सलाह दी थी। अमिताभ का परिवार श्रीवास्तव उपनाम का पालन करता था, लेकिन उनके पिता ने उपनाम बच्चन को अपना उपनाम बना लिया था।

अमिताभ को बचपन से ही अभिनय में दिलचस्पी थी, जिसके चलते उनके पिता हरिवंश ने पृथ्वी थिएटर के संस्थापक पृथ्वीराज कपूर से अपने बेटे को इंडस्ट्री में काम दिलाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।

तेज आवाज के कारण रेडियो में नौकरी नहीं मिली

तेज आवाज के कारण रेडियो में नौकरी नहीं मिली


अमिताभ बच्चन नौकरी की तलाश में ऑल इंडिया रेडियो पहुंचे थे, लेकिन उनकी भारी आवाज के कारण उनका मजाक उड़ाकर ऑडिशन से बाहर कर दिया गया। उस समय हर कोई इस बात से अनजान था कि यह आवाज एक दिन दुनिया को जीत लेगी।

शिपिंग कंपनी में काम किया

आज बॉलीवुड के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले अभिनेताओं में से एक अमिताभ ने अपना पहला काम महज 500 रुपये की तनख्वाह से किया। जिसमें से उन्हें काट-छांट कर सिर्फ 460 रुपये मिलते थे। बिग बी कोलकाता की बर्ड एंड शिपिंग कंपनी में एग्जिक्यूटिव थे। इस काम के दौरान वह समय निकालकर नाटक में हिस्सा लेते थे।

सात हिंदुस्तानी से किया था एक्टिंग डेब्यू

सात हिंदुस्तानी से किया था एक्टिंग डेब्यू


अमिताभ बच्चन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ (1969) से की थी, लेकिन यह फिल्म उनके करियर की सुपर फ्लॉप फिल्मों में से एक है। इसके बाद उन्होंने ‘रेशमा और शेरा’ (1972) फिल्म की जिसमें उनका रोल गूंगा था और यह फिल्म फ्लॉप भी रही। 

1971 की फिल्म ‘आनंद’ ने उन्हें पहचान दिलाई थी, लेकिन इसका श्रेय राजेश खन्ना को दिया गया था। इसके बाद दर्जनों फ्लॉप फिल्मों की ऐसी लाइन लगी कि मुंबई के निर्माता-निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में लेने से कतरा रहे थे. उन्होंने लगभग अपना पैकअप करने और मुंबई से वापस जाने का मन बना लिया था।

जंजीर फिल्म ने हटाया फ्लॉप अभिनेता का टैग

जंजीर फिल्म ने हटाया फ्लॉप अभिनेता का टैग


उन दिनों प्रकाश मेहरा ‘जंजीर’ (1973) की कास्टिंग को लेकर चिंतित रहते थे। इस फिल्म से उन्हें काफी उम्मीदें थीं। वह अपने ऑफिस में प्राण के साथ इस फिल्म के बारे में चर्चा कर रहे थे। तब प्राण ने उन्हें अमिताभ का नाम सुझाया। 

लेकिन प्रकाश मेहरा ने बिना कुछ कहे मना कर दिया। तब प्राण ने ही कहा था कि बेहतर होगा कि आप उनकी कुछ फिल्में देखें और फिर फैसला करें। साथ ही कहा कि बेशक उनकी ज्यादातर फिल्में फ्लॉप हुई हैं, लेकिन उनमें कुछ खास जरूर है. इसमें टैलेंट की कोई कमी नहीं है।

कुछ फिल्में देखने के बाद प्रकाश मेहरा ने अमिताभ पर दांव लगाया। ‘जंजीर’ के डायलॉग सलीम-जावेद की हिट जोड़ी ने लिखे हैं। फिल्म तो पूरी हो गई थी, लेकिन ट्रायल शो को वितरकों की ओर से बेहद ठंडी प्रतिक्रिया मिली थी। अमिताभ उनके लिए पीटे गए हीरो थे, जिनकी बाजार कीमत न के बराबर थी। लेकिन दर्शकों ने जब फिल्म देखी तो देखते ही रह गए।

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