कैटरीना कैफ क्यों 45 साल की उम्र में ही भारतीय नागरिता ले पाएंगी, नागरिकता लेने के बाद ही अपने नाम से खरीद सकेंगी भारत में संपत्ति Read it later

Katrina Kaif: बॉलीवुड एक्ट्रेस कैटरीना कैफ और एक्टर विक्की कौशल 9 दिसंबर को शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। यह शादी राजस्थान के सवाई माधोपुर के सिक्स सेंस फोर्ट बरवाड़ा में होगी। हालांकि इस शादी के बाद भी कैटरीना भारतीय नागरिक नहीं बन पाएंगी। (katrina kaif citizenship) 17 साल से भारत में रह रही कैटरीना के पास ब्रिटिश नागरिकता और पासपोर्ट है।

नमस्ते लंदन ने निभाया है ऐसा किरदार

अगर कैटरीना (Katrina Kaif) शादी के बाद भारतीय नागरिकता पाने के लिए बहुत कोशिश करती हैं, तो भी उन्हें इसे पाने में 7 साल लगेंगे। यानी तब तक वह 45 साल की हो चुकी होंगी। नमस्ते लंदन फिल्म में, कैटरीना ने एक विदेशी लड़की की भूमिका निभाई, जो एक भारतीय युवक अक्षय कुमार से शादी करती है। आइए जानते हैं भारत की नागरिकता पाने के लिए कैटरीना कैफ समेत बाहर के लोगों को कानूनी तौर पर किन कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।

 

कैटरीना की इच्छा पर निर्भर नागरिकता लेना, जबरन नागरिक नहीं बनाया जा सकता

 

कैटरीना की इच्छा पर निर्भर नागरिकता लेना, जबरन नागरिक नहीं बनाया जा सकता

सुप्रीम कोर्ट से जुड़े जानकारों की माने तो कैटरीना वीजा लेकर रह रही हैं। कैटरीना भले ही 17 साल से भारत में रह रही हों, लेकिन उन्हें भारतीय नागरिकता लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। यह उनकी इच्छा पर निर्भर करेगा। वह भारत में काम करने के लिए अपने वीजा का नवीनीकरण जारी रख सकती है।

 

किसी सरकारी योजना का लाभ भी नहीं ले सकते

कानूनी विशेषज्ञ हैं कि जब तक कैटरीना (Katrina Kaif) भारत की नागरिक नहीं हो जाती, तब तक वह भारत में कोई संपत्ति भी ले सकती है। वह सामान्य बचत खाता भी नहीं खोल पाएगी। हालांकि, वह एनआरआई के लिए बने खाते का इस्तेमाल करतीं, जिसमें सरकार ने ज्यादा सुविधाएं दी हैं। साथ ही वह किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले सकती हैं।

 

जन्म के आधार पर दी जाती है नागरिकता

 

 

भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत नागरिकता लेने के ये हैं प्रावधान

जन्म के आधार पर दी जाती है नागरिकता

भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार कोई व्यक्ति जन्म से भारत का नागरिक हो सकता है, उसके लिए उसे इन शर्तों को पूरा करना होगा।

26 जनवरी 1950 के बाद लेकिन 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्म लेने वाला कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक हो सकता है। अपने माता-पिता की राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना।

1 जुलाई 1987 के बाद लेकिन 3 दिसंबर 2004 से पहले भारत में पैदा हुआ कोई भी व्यक्ति भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है। बशर्ते कि जन्म के समय माता-पिता भारत के नागरिक हों।

3 दिसंबर 2004 को या उसके बाद भारत में पैदा हुआ व्यक्ति भारत का नागरिक हो सकता है बशर्ते उसके माता-पिता भारत के नागरिक हों, या उनमें से एक भारत का नागरिक हो और दूसरा अवैध प्रवासी न हो।

 

वंश या रक्त संबंध द्वारा नागरिकता

नागरिकता अधिनियम के तहत दूसरा प्रावधान विरासत या रक्त संबंध के आधार पर नागरिकता प्रदान करना है। इसके तहत शर्त यह है कि अगर किसी व्यक्ति का जन्म भारत से बाहर हुआ है तो उसके जन्म के समय उसके माता-पिता में से कोई एक भारत का नागरिक होना चाहिए।

दूसरी शर्त यह है कि विदेश में जन्मे उस बच्चे का भारतीय दूतावास में एक साल के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उस परिवार को अलग से भारत सरकार की अनुमति लेनी होगी।

विदेश में जन्म लेने वाले व्यक्ति को मां की नागरिकता के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान नागरिकता संशोधन अधिनियम 1992 के माध्यम से किया गया था।

 

पंजीकरण के आधार पर मिलती है नागरिकता

तीसरा प्रावधान पंजीकरण के आधार पर नागरिकता प्रदान करने का है। यदि अवैध प्रवासी के अलावा कोई अन्य व्यक्ति भारत सरकार में आवेदन करके नागरिकता चाहता है तो इन शर्तों के आधार पर उसे नागरिकता मिल सकती है।

भारतीय मूल का व्यक्ति जो देश में नागरिकता के लिए आवेदन करने से पहले कम से कम 7 साल से भारत में रह रहा हो। भारतीय मूल का एक व्यक्ति जो अविभाजित भारत से बाहर के देश का नागरिक है।

यानी वह पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाहर किसी अन्य देश का नागरिक होना चाहिए और उस नागरिकता को छोड़कर भारत की नागरिकता चाहता है। नागरिकता चाहने वाला व्यक्ति एक भारतीय नागरिक से विवाहित है और नागरिकता के लिए आवेदन करने से पहले कम से कम सात साल तक भारत में रहा है।

नाबालिग बच्चे जिनके माता-पिता भारतीय हैं। राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के नागरिक जो भारत में रह रहे हैं या भारत सरकार में नौकरी कर रहे हैं, भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

 

भारत में किसी नए क्षेत्र को शामिल करने पर मिलती है नागरिकता 

अगर कोई नया क्षेत्र भारत में शामिल हो जाता है तो वहां के लोगों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी। उदाहरण के लिए जब 1962 में पुडुचेरी को भारत में शामिल किया गया तो वहां के लोगों को खुद भारत की नागरिकता मिल गई।

 

स्वाभाविक रूप से इस प्रकार नागरिकता प्राप्त की जाती है

 

स्वाभाविक रूप से इस प्रकार नागरिकता प्राप्त की जाती है

-एक व्यक्ति भारत में रह रहा है या भारत सरकार की सेवा में है या नागरिकता के लिए आवेदन करने से पहले कम से कम एक वर्ष से भारत में रह रहा है।

एक व्यक्ति ऐसे देश से होना चाहिए जिसके नागरिक प्राकृतिक तरीकों से भारत के नागरिक नहीं बन सकते।

उसे संविधान की 8वीं अनुसूची में सूचीबद्ध भाषाओं का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।

 

11 साल से भारत में रह रहे हो

बाहर का व्यक्ति भारत में नागरिकता प्राप्त कर सकता है। बशर्ते वह पिछले 14 साल में 11 साल भारत में रहा हो। साथ ही वह आवेदन करने से पहले लगातार एक साल से भारत में हैं।

 

ऐसे हो सकती है नागरिकता समाप्त

नागरिकता अधिनियम, 1955 में नागरिकता समाप्त करने के 3 कारण बताए गए हैं। इसमें स्वेच्छा से नागरिकता छोड़ना, बर्खास्तगी और वंचित करना शामिल है।

 

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