Kaal Bhairav Ashtami: कालभैरव अष्टमी पर भैंरूजी के ये 3 उपाय करें‚ कुछ दिनों में बन जाएगी तकदीर Read it later

Kaal Bhairav Ashtami: भगवान भोलेनाथ के रुद्र अवतार कालभैरव या कहें कि भैंरूजी को एक उग्र देवता के रूप में पूजा जाता है। शास्त्रों के अुनसार भगवान कालभैरव श्मशान में निवास करते हैं और जगत के समस्त भूतों- प्रतों के अधिपति माने जाते हैं। कालभैरव देवता को भयंकर या भयानक शब्द की भी उपमा दी जाती है।

भयंकर या भयानक से तात्पर्य ही यही होता है कि इससे बढ़कर नहीं यानी दुनिया में किसी भी चीज के होने की पराकाष्ठा को भयंकर या भयानक की संज्ञा दी जाती है। यही काराण है कि जब ज्योतिष के सारे उपाय धराशायी हो जाते हैं, तब भगवान कालभैरव की शरण में जाने से जातकों के दुर्लभ से दुर्लभ कार्य बन जाते हैं।

आम तौर पर माना जाता है कि  भैरव या भैंरूजी के उपाय शनिवार अथवा रविवार को किए जाने चाहिए। वहीं इन उपायों को विशेष मुहूर्त जैसे कि होली, दीपावली या भैरव अष्टमी के दिन किया जाए तो जातकों को विशेष फल की प्राप्ति होती है।

इस साल 16 नवंबर 2022 (बुधवार) को कालभैरव जयंती मनाई जाएगी है। इस दिन आप बेहद आसान से उपाय कर अपनी समस्त परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं। ये सरल उपाय  आसान भी और जल्दी लाभ भी पहुंचा सकते हैं। जानिए कुछ ऐसे ही सरल उपायों के बारे में।

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भैरव जयंती 2022 तिथि और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (Kaal Bhairav Ashtami Puja Muhurat)

इस साल नवंबर माह में कालभैरव अष्टमी या जयंती 16 नवंबर 2022 (बुधवार) को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 16 नवंबर को सुबह 5.49 बजे प्रारंभ होकर 17 नवंबर को सुबह 7.57 बजे समाप्त होगी।

कालभैरव अष्टमी पर इन 3 उपायों (Bheruji ke Upay) से कुछ ही दिनों में चमकेगी किस्मत

  • जीवन में कई बार ऐसे बड़े संकट आ जाते हैं जो तमाम उपायों से भी खत्म नहीं होते। ऐसे में भगवान कालभैरव को दाल कचौरी का भोग लगाने का विधान है इसके साथ ही  उनके समक्ष सरसों के तेल का दीपक भी जलाएं‚ ये उपाय हर रविवार को नियमित रूप से करें तो इससे समस्या तुरंत समाप्त होगी। 
  • यदि जातक की जन्म कुंडली में काल सर्प दोष या शनि की साढ़े साती या ढैया है तो प्रतिदिन भगवान शिव का जलाभिषेक करें इसके साथ ओम नमः शिवाय’ का जाप करते हुए शिवलिंग पर 1001 बेल पत्र समर्पित करें। इससे महादेव की कृपा से सभी प्रकार के कष्टों को दूर होते हैं। जिससे बड़े से बड़ी समस्या या दुर्भाग्य सौभाग्य में बदलने लगता है। 
  • अगर कोई आपका बहुत परमशत्रु है और आए दिन आप उससे परेशान रहते हैं तो आप ये उपाय अपना सकते हैं। इसके लिए आप सुबह जल्दी उठ स्नान आदि से निवृत हो साफ कपड़े पहनकर भैरव मंदिर जाएं। यहां  भैरव की पूजा करें और उनके तंत्रोक्त मंत्र ‘ओम हं शान नं गं कान सान खां महाकाल भैरवय नमः’ का जाप 5 माला (501 बार) करें। जाप करने के बाद भगवान भैरव से सच्चे मन से प्रार्थना करें कि आपके कष्ट दूर हों। देखते ही देखते आपका शत्रु परास्त होगा और आपके दिन अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे वहीं दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाएगा।  

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय सूचना पर आधारित है। थम्सअप भारत किसी भी तरह के दावे की पुष्टि नहीं करता है।  पाठकों को सटीक परिणाम व उपायों को हासिल करने के लिए विशेषज्ञ को कुंडली दिखाने की भरपूर सलाह दी जाती है।

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