Titanic Submarine missing: मनहूस टाइटैनिक दिखाने ले गई पनडुब्बी की ऑक्‍सीजन खत्‍म! कॉन्ट्रैक्ट में पहले से मौत की बात Read it later

Titanic Submarine Missing Update: 1912 में डूबे टाइटैनिक का मलबे को दिखाने लोगों को ले गई पनडुब्बी रविवार, 18 जून से लापता है। उसे खोजने के लिए अटलांटिक महासागर में एक सर्च अभियान चल रहा है। इस पनडुब्बी में कुल 5 लोग सवार थे। बताया जा रहा है कि उन लोगों के पास मौजूद सिलेंडरों में ऑक्सीजन खत्म हो रही है, कहा गया था कि यह ऑक्‍सीजन गुरुवार तक की ही बची थी, विशेषज्ञोंं का कहना था कि यदि लापता पनडुब्‍बी को नहीं ढूंढा गया तो उन पांंचों लोगों की मौत हो जाएगी।

 

पांच लापता लोगों में एक पाक अरबपति भी

पाकिस्तानी मूल के लंदन निवासी अरबपति कारोबारी भी इस दल के लापता लोगोंं में शामिल हैं। (Titanic Submarine Missing Update) उनके परिवार ने मंगलवार को जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार ओशियनगेट एक्सपेडिशंस की ओर से संचालित 21-फुट (6.5-मीटर) लंबी टूरिस्‍ट्स पनडुब्बी ने रविवार को टूरिस्टों को समुद्र में उतरना शुरू किया, लेकिन 2 घंटे के बाद ही इससे संपर्क टूट गया था।

 

‘कॉन्ट्रैक्ट के पहले पन्ने पर 3 बार मौत का जिक्र’

बीबीसी के अनुसार, उस पनडुब्बी में यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति माइक रीस ने बताया है कि जो लोग इसमें सवार होते हैं, उन्हें एक अनुबंध में पहले ही चेतावनी दी जाती है कि उन्हें इसकी सेवा तभी लेनी चाहिए जब उन्हें जीवन के खतरों के बारे में पता हो। इसकी यात्रा कर चुके माइक रीस ने कहा, “यह एक ऐसी पनडुब्बी (Titanic Submarine Missing Update) है जिसमें सवार होने से पहले पहले एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कराए जाते हैं, जिसके पहले पन्ने पर तीन बार मौत या मारे जाने का उल्लेख होता है।” माइक ने कहा कि वे पिछले साल ही इस पनडुब्बी से यात्रा कर चुके थे। उन्‍होंने बताया कि अब मुझे उनके जिंदा होने की ज्‍यादा उम्‍मीद नहीं लग रही। डर है कि कहीं टाइटैनिक का मलबा देखने गए लोगों की जान न चली गई हो।

 

टाइटैनिक पनडुब्बी के सभी यात्रियों की मौत का दावा

इस बीच, एक अन्य पूर्व पनडुब्बी कमांडर ने दावा किया है कि ओशनगेट की टाइटन पनडुब्बी में सवार सभी यात्रियों की पहले ही मौत हो चुकी होगी। पूर्व कमांडिंग ऑफिसर एंडी कोल्स ने कहा कि यात्री हाइपोथर्मिया या कार्बन डाइऑक्साइड से पहले ही मर चुके होंगे। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि पनडुब्बी के पास CO2 को हटाने और हवा को फिर से जारी करने का कोई साधन है।” ऐसे में पूरी तरह दम घुटने से पहले ही उनकी मौत हो जाती. दूसरे, 3800 मीटर से नीचे का पानी अविश्वसनीय रूप से ठंडा है।

बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो लापता पनडुब्बी (Titanic Submarine Missing) को ढूंढने के लिए अमेरिका और कनाडा से 3 सी-130 हरक्यूलिस विमान भेजे गए हैं, जिनमें अंडरवाटर रोबोट भी शामिल हैं। उनके अलावा एक पी-8 विमान और 2 कनाडाई सतह जहाज भी तलाशी अभियान में शामिल हैं। पनडुब्बी की कंपनी से पता चला है कि पनडुब्बी में अब 30 घंटे से भी कम ऑक्सीजन बची है। अमेरिकी तट रक्षक ने कहा था कि गुरुवार सुबह तक पनडुब्बी में ऑक्सीजन खत्म हो सकती है। (Titanic Submarine missing) ऐसे में अब माना जा रहा हे कि इसकी ऑक्‍सीजन खत्‍म हो चुकी है।

 

समुद्र में पनडुब्बी तलाश तेज हुई

पनडुब्बी का पता लगाने (Titanic Submarine Missing Update) के लिए समुद्र की ऊंचाइयों से लेकर आसमान तक झांकने की कवायद तेज कर दी गई है। आसमान से गहरे समुद्र में झांका जा रहा है, क्योंकि एक ‘पनडुब्बी’ समुद्र की तलहटी में खो गई है। पनडुब्बी टाइटैनिक का मलबा देखने गई थी और कहा जा रहा है कि अब गहरे समुद्र में ‘गोता लगाना’ जानलेवा हो गया है, सवाल उठ रहा है कि क्या डूबे हुए ‘टाइटैनिक’ को देखने गए पांचों लोग डूब गए? कनाडा और अमेरिका तथा फ्रांस सहित कई देशों के तटरक्षक उत्तरी अटलांटिक महासागर की गहराई में उतरे लापता लोगों को खोजने के लिए समुद्र की लहरों को खंगालने की कोशिश कर रहे हैं।

 

Titanic Submarine missing
Image Source : OceanGate Photo Twitter/@PopBase

 

पानी के चार किलोमीटर अंदर सर्च के लिए अंडर वॉटर रोबोट का इस्‍तेमाल

जिस लापता पनडुब्बी (Titanic Submarine Missing Update) की तलाश की जा रही है वह एक पर्यटन पनडुब्बी थी, जिसे ‘टाइटन’ कहा जाता था। कई दिन पहले इसने लोगों को अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए समुद्र के अंदर हजारों मीटर तक गोता लगाया था। हालांकि, रविवार से इसका संपर्क टूट गया था। अब इसे ढूंढने के लिए पानी के अंदर चलने वाले रोबोट की मदद ली जा रही है, ये हाईलेवल के अंडर वॉटर रोबोट हैं। समुद्र की गहराई में काम करने वाली ब्रिटिश विशेषज्ञ कंपनी मैगलन ने आधिकारिक तौर पर कहा कि वह लापता पनडुब्बी को ढूंढने में मदद कर रही है।

 

उधर यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में समुद्री इंजीनियरिंग के प्रोफेसर प्रोफेसर एलिस्टर ग्रेग, कील यूनिवर्सिटी में फॉरेंसिक जियोसाइंस के रीडर डॉ. जेमी प्रिंगल और ब्रिटिश अंटार्कटिक के समुद्री भूभौतिकीविद् डॉ. रॉब लार्टर ने भी उस ध्वनि का अध्ययन और शोध करना शुरू कर दिया है जिसे सुना जा सकता है। कनाडा. तटरक्षक बल ने समुद्र से लहरें उठती सुनीं। लार्टर का कहना है कि जिस इलाके में सर्च ऑपरेशन चल रहा है वह काफी बड़ा है। (Titanic Submarine Missing Update) लार्टर का कहना है कि अब तक जो भी रिपोर्ट सामने आई हैं, उनके मुताबिक सुनी गई आवाजों की पहचान की जा रही है, लेकिन सर्च ऑपरेशन का दायरा बहुत बड़ा है। ऐसे में यह पता लगाना बहुत मुश्किल है कि वह आवाज समुद्र के किस हिस्से से आई है।

 

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