DHFL Bank Fraud Case: अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड, 34,615 करोड़ की धोखाधड़ी में CBI की कार्रवाई Read it later

DHFL Bank Fraud Case:

 DHFL Bank Fraud Case: देश में एक बार फिर से बड़ा बैंक घोटाला (Banking Sacm) उजागर हुआ है। इस घोटाले में 17 बैंकों से 34,615 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस बैंक धोखाधड़ी के आरोप में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के पूर्व अध्यक्ष कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और छह रियल्टी क्षेत्र की कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के एक संघ से 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।

समाचार एजेंसी भाषा की मानें तो सीबीआई ने 11 फरवरी, 2022 को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) से मिली शिकायत के आधार पर कार्रवाई की है। वधावन ब्रदर्स वर्तमान में कथित भ्रष्टाचार मामले में CBI की जांच के दायरे में हैं। मामला दर्ज होने के बाद सीबीआई के 50 से ज्यादा अधिकारियों की टीम मुंबई में आरोपियों के 12 ठिकानों की तलाशी कर रही है।

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मामला क्या है

 DHFL Bank Fraud Case: बैंक ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने कई सिस्टम पॉलि​सी के तहत 2010 से 2018 के बीच बैंकों के एक संघ से 42,871 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। लेकिन मई, 2019 से ऋण के पुनर्भुगतान में गफलत सामने आने लगी। उधार देने वाले बैंकों ने अलग-अलग समय पर कंपनी के खातों को एनपीए घोषित किया। जनवरी 2019 में जांच शुरू होने के बाद, लेनदारों की समिति ने फरवरी 2019 में केपीएमजी को 1 अप्रैल, 2015 से 31 दिसंबर, 2018 तक डीएचएफएल की विशेष समीक्षा ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया।

ऑडिट रिपोर्ट से पता चला है कि डीएचएफएल प्रमोटरों के साथ समानता रखने वाली 66 संस्थाओं को 29,100.33 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसमें से 29,849 करोड़ रुपये बकाया है। बैंक का आरोप है कि बैंक से लिए गए पैसे को संस्थाओं और व्यक्तियों ने जमीन और संपत्तियों में निवेश किया।

इसके साथ ही आरोप है कि DHFL उन कामों में पैसा नहीं लगाती थी जिसके लिए वो बैंकों से कर्ज लेती थी। बल्कि इन फंड्स को एक महीने के थोड़े समय के अंदर ही दूसरी कंपनियों में भेज दिया जाता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच के दौरान यह भी पाया गया कि लोन का पैसा सुधाकर शेट्टी नाम के एक शख्स की कंपनियों में भी भेजा गया, साथ ही यह पैसा दूसरी कंपनियों के ज्वाइंट वेंचर में लगाया गया।

जांच में यह भी जानकारी सामने आई है कि लोन का पैसा 65 से ज्यादा कंपनियों में भेजा गया इसके लिए बाकायदा अकाउंट बुक में फर्जीवाड़ा किया गया।

बता दें कि, कपिल और धीरज वधावन पहले से ही जेल में हैं। दोनों को यस बैंक (Yes Bank) धोखाधड़ी मामले में CBI और ED के केस के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।

2021 में बिक चुकी थी DHFL

सितंबर 2021 में पीरामल ग्रुप (Piramal group) ने DHFL को खरीद लिया था। पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने संकट के दौर से गुजर रही कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) को 38,050 करोड़ रुपये में खरीदा था। साथ ही DHFL के कर्जदाताओं को 34,250 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया था।

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